लंदन में मौत के 2 महीने बाद शव भारत पहुंचा: लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति की मौत के दो महीने बाद उनका शव भारत पहुंचा। यह घटना इसलिए और भावुक कर देने वाली है क्योंकि उन्हें 12 अप्रैल को ही ब्रिटेन की नागरिकता मिली थी और कुछ ही दिनों बाद उनका निधन हो गया। अब शव भारत लाकर पारंपरिक रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार किया गया। जानें पूरी कहानी जो हर भारतीय को झकझोर देगी।
लंदन में मौत के 2 महीने बाद शव भारत पहुंचा: जानिए आखिर क्या हुआ था?
लंदन में रहने वाले एक भारतीय मूल के व्यक्ति की मौत ने न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि सोशल मीडिया पर हजारों लोगों को झकझोर दिया है।
यह दुखद घटना और भी दिल को छूने वाली बन जाती है जब हम जानते हैं कि उन्हें महज दो दिन पहले ही ब्रिटिश नागरिकता मिली थी।
लंदन में मौत के 2 महीने बाद शव भारत पहुंचा घटना की Timeline:
तारीख | घटना |
---|---|
12 अप्रैल | ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त हुई |
14 अप्रैल | लंदन में मृत्यु हो गई |
जून के मध्य | शव भारत पहुंचा |
जून अंत | पारंपरिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार हुआ |
लंदन में मौत के 2 महीने बाद शव भारत पहुंचा शव भारत लाने में क्यों लगा इतना समय?
अंतरराष्ट्रीय कागजी कार्रवाई और मंजूरियाँ:
- ब्रिटेन से शव भारत लाने की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल होती है।
- डेथ सर्टिफिकेट, इंबैल्मिंग सर्टिफिकेट और भारतीय दूतावास की मंजूरी जरूरी होती है।
- कई बार एयरलाइंस की उपलब्धता और आवश्यक परमिट मिलने में हफ्तों लग जाते हैं।
रीति-रिवाज के साथ अंतिम विदाई: भावुक माहौल
भारत पहुंचने के बाद परिजनों और रिश्तेदारों की आंखें नम थीं।
गांव में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और पारंपरिक हिंदू विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया।
ब्रिटेन में नागरिकता मिलने के बाद भी क्यों मायने रखता है भारत?
नागरिकता बदली, जड़ें नहीं
- भले ही उन्हें ब्रिटेन की नागरिकता मिल गई थी, लेकिन उनका मन और परिवार आज भी भारत से जुड़ा था।
- यही वजह रही कि परिजनों ने अंतिम संस्कार अपने मूल गांव में ही करने का निर्णय लिया।
प्रवासी भारतीयों के लिए यह एक बड़ा सबक
- मृत्यु के बाद की प्रक्रिया कितनी जटिल और भावनात्मक होती है, यह घटना बखूबी दर्शाती है।
- यदि आप या आपके करीबी विदेश में रहते हैं, तो ऐसी परिस्थितियों की योजना पहले से बनाना जरूरी है।
मुख्य बातें (Bullet Points में)
- 12 अप्रैल को ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त हुई थी।
- 14 अप्रैल को लंदन में उनका निधन हो गया।
- परिवार को शव भारत लाने में लगभग 2 महीने लगे।
- गांव में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार हुआ।
- घटना ने सोशल मीडिया पर भावनात्मक लहर पैदा कर दी।