गौ तस्करी के खिलाफ ग्रामीणों का बड़ा प्रदर्शन : बांसवाड़ा में 13 अप्रैल को पकड़ी गई 52 ट्रकों में गौ तस्करी, ग्रामीणों और संतों ने किया विरोध, कार्रवाई की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन।
📌 मुख्य बिंदु:
- बांसवाड़ा में 13 अप्रैल को 52 ट्रकों में गौवंश की तस्करी का मामला सामने आया
- संत, साधु, गौ भक्तों के साथ बीजेपी, कांग्रेस और बीएपी पार्टी के लोग भी उतरे सड़क पर
- कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
- पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी उठे सवाल
🐄 बांसवाड़ा में गौ तस्करी के खिलाफ एकजुट हुए ग्रामीण
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में 13 अप्रैल को गौ तस्करी के एक बड़े मामले ने पूरे जिले में आक्रोश फैला दिया। नागौर से मध्यप्रदेश की ओर जा रहे 52 ट्रकों में 350 से अधिक गौवंश को ग्रामीणों ने रास्ते में पकड़ा, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
इस घटना के बाद जिलेभर के संत, साधु, गौ भक्त, और विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग एक साथ कुशलबाग मैदान में एकत्रित हुए और गौ तस्करी के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया।
📃 कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन
बांसवाड़ा जिला गौ सेवा संघ के बैनर तले आयोजित इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व श्रद्धा गोपाल सरस्वती जी ने किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन बनाकर जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव को सौंपा।
ज्ञापन में मुख्य मांगें थीं:
- 52 ट्रकों के चालकों और ट्रक मालिकों पर एफआईआर दर्ज की जाए
- अवैध गौवंश परिवहन में लिप्त लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो
- पूरे तस्करी गिरोह की विशेष जांच समिति के माध्यम से जांच हो
- पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई हो
🧘 संतों और गौ भक्तों की हुंकार
इस विरोध सभा में कई संत और गोभक्त शामिल हुए, जिनमें प्रमुख नाम थे:
- संत रामस्वरूप महाराज
- संत रघुवीरदास
- संत प्रकाशनाथ
- आशापुरी महाराज
सभा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए प्रदर्शनकारियों का काफिला जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा, जहां “गौ माता की रक्षा करो”, “गौ हत्यारे को फांसी दो” जैसे नारों के साथ विरोध दर्ज कराया गया।
🛑 पुलिस और प्रशासन पर सवाल
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब गौ सेवकों ने तस्करी कर रहे ट्रकों को रोकने की कोशिश की, तो पुलिस ने सहयोग करने के बजाय विरोध किया। इससे प्रशासनिक मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है।
गौ भक्तों की मांग है कि पुलिस और प्रशासन की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।
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🗣️ राजनीतिक समर्थन भी मिला
इस प्रदर्शन को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला। बीजेपी, कांग्रेस और बीएपी पार्टी के नेता एक स्वर में गौ रक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों के साथ दिखे।
उप जिला प्रमुख डॉ. विकास बामनिया ने कहा कि:
“गौ माता की तस्करी कोई साधारण मामला नहीं है। बांसवाड़ा एक पवित्र धरती है और यहां से गौ माता को तस्करी के लिए ले जाना बेहद निंदनीय है। पक्ष-विपक्ष सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।”
🔚 निष्कर्ष: गौ माता की रक्षा में एकजुट हुआ समाज
इस पूरे घटनाक्रम ने साबित कर दिया कि जब बात गौ माता की सुरक्षा की आती है, तो समाज के हर वर्ग — संत, ग्रामीण, राजनेता और आम नागरिक — सभी एक हो जाते हैं। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी तत्परता दिखाता है।
✅ सुझाव: गौ तस्करी के खिलाफ ग्रामीणों का बड़ा प्रदर्शन: बांसवाड़ा में 52 ट्रकों में भरकर ले जाए जा रहे थे
- सरकार को चाहिए कि गौ तस्करी पर विशेष कानून बनाए और उसे सख्ती से लागू करे
- पुलिस और प्रशासन की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र टीम बनाई जाए
- ग्रामीण क्षेत्रों में गौशालाओं को मजबूत किया जाए, जिससे गौवंश को सुरक्षित रखा जा सके