डूंगरपुर के जंगलों में वन्यजीवों की संख्या में भारी बढ़ोतरी: जानिए पूरी रिपोर्ट

डूंगरपुर के जंगलों में वन्यजीवों की संख्या में 3,185 की भव्य वृद्धि हुई! इस रिपोर्ट में मोर, सफेद गिद्ध, लेपर्ड, सारस समेत अन्य प्रजातियों की ताज़ा स्थिति को देखें। जानें क्या कहते हैं वन विभाग के अधिकारी, और क्यों है ये खबर वन्यप्रेमियों के लिए उत्साहजनक।

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डूंगरपुर के जंगलों में वन्यजीव संख्या में वृद्धि – मुख्य आंकड़े

डूंगरपुर ज़िले डूंगरपुर के जंगलों में वन्यजीवों की संख्या में भारी बढ़ोतरी के 9 वन खंडों में 11–12 जून को तीसरी गणना हुई, जिसमें 13 दिनों बाद संपूर्ण रिपोर्ट आई। कुल 9,611 वन्यजीव देखे गए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 6,426 थी।

  • कुल वृद्धि: 3,185 जीव
  • गणना विधि: 40 वाटर हॉल पर किया गया निरीक्षण
  • पिछली संख्या: 6,426 → अब 9,611

डूंगरपुर के जंगल: बेहतर माहौल!

वन संरक्षक रंगास्वामी ने बताया:

  • पेड़-पौधे, पानी और भोजन की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है।
  • यही वजह है कि कई प्रजातियों में स्थिर वृद्धि देखी गई है।

यह वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

मोर की संख्या में रिकॉर्ड उछाल

  • 2024: 2,467 मोर
  • 2025: 3,917 मोर

एक वर्ष में 1,450 मोर की बढ़ोतरी वन क्षेत्र की नब्ज़ पर साफ कहर रही।

अन्य प्रमुख प्रजातियों में वृद्ध

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प्रजाति2024 की संख्या2025 की संख्या
लेपर्ड1721 (+4)
सियार77119 (+42)
जरख5172 (+21)
जंगली बिल्ली3267 (+35)
बिल्ली5
लोमड़ी4465 (+21)
मरू लोमड़ी16
बिज्जू बड़ा2357 (+34)
नील गाय1,5931,596 (+3)
जंगली सूअर744861 (+117)
सेही11443 (-71)
लंगूर1,2162,290 (+1,074)
मछुआरा बिल्ली4
बिज्जू छोटा26
सारस42
जंगली मुर्गा4
सफेद गिद्ध19

कुल प्रजातियों की आंकलन सूची में 38 रखी गई थी, लेकिन सिर्फ 18 दिखे, इनमें से 4 नई भी शामिल हैं।

क्यों ज़रूरी है यह बढ़ोतरी?

  • प्राकृतिक संतुलन: पानी और भोजन की उपलब्धता वातावरण में संतुलन की निशानी है।
  • संरक्षण की सफलता: वन विभाग की योजनाएं अब रंग ला रही हैं।
  • वन प्राणियों की सुरक्षा: बढ़ते आंकड़े भविष्य का भरोसा जगाते हैं।

निष्कर्ष – खुशखबरी जो दिल को भाये

डूंगरपुर जंगलों में 3,185 अतिरिक्त वन्यजीव, नए मोर, सफेद गिद्ध, सारस और लेपर्ड्स ने एक नई उम्मीद जगाई है। यह रिपोर्ट सिर्फ वन्यजीवों की संख्या नहीं है, बल्कि एक समृद्ध और संतुलित पारिस्थितिकी की कहानी भी कहती है।

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